लोकसभा 2019: अखिलेश के इस बड़े ऐलान दे बाद पार्टी में मची खलबली

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ने का एेलान किया है. अब तक इस सीट पर उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ती आई हैं. लेकिन इस बार वह चुनाव नहीं लड़ेंगी और अखिलेश उनकी सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़े होंगे.

कन्नौज. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि वे और पूर्व समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव 2019 का लोकसभा चुनाव कन्नौज और मैनपुरी से लड़ेंगे। अखिलेश यादव ने कन्नौज के सपा कार्यालय में यह बयान दिया। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी डिंपल यादव इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। कन्नौज से डिंपल यादव चुनाव लड़ती आई हैं, लेकिन इस बार अखिलेश उनकी सीट से चुनाव लड़ेंगे. जब उनसे पूछा गया कि वह बुधवार को आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी में क्यों नहीं गए तो उन्होंने कहा, मेरी पार्टी के नेताओं को उसमें जाना था, वे गए होंगे.

इससे पहले अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ और सामान ले जाने के खुद पर लगे आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. अखिलेश ने राज्यपाल राम नाईक पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा था कि राज्यपाल के अंदर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आत्मा घुसी हुई है, इसलिए वह कानून और संविधान को नजरअंदाज कर सरकार से बंगले की रिपोर्ट मांग रहे हैं.

उन्होंने कहा था कि उप चुनावों में हुई हार से भाजपा सरकार बौखला गई है. इसीलिए बिना वजह के आरोप लगाए जा रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा था, “सरकार बिना वजह टोटी के लिए क्यों बदनाम कर रही है. हर आदमी मकान खाली करते समय अपना सामान ले जाता है. मैं भी घर छोड़ते समय अपनी चीजों को साथ ले गया. लेकिन यदि सरकार को पता है कि हम सरकारी सामान लेकर गए हैं, तो हमें उसकी लिस्ट दी जाए. हम उन्हें सामान लौटा देंगे.”

भाजपा पर साधा अखिलेश ने निशाना 

अखिलेश ने कहा था कि भाजपा के लोग उपचुनाव में हुई हार से बौखला गए हैं. इसलिए इस तरह की चीजों का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने कहा था, “मुझे बदनाम करने लिए यह सबकुछ किया जा रहा है. भाजपा वाले छोटे दिल के हैं. उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए.” घूसकांड पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ भी चिट्ठी लिखी गई थी जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया. क्यों मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को बचाया जा रहा है. जिसने आरोप लगाए उसे ही गिरफ्तार कर लिया गया.

अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का टेंडर बार-बार क्यों बदल रही है. हमने एक्सप्रेस वे बनाकर दिखा दिया था. यदि भाजपा की सरकार में दम हो तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का कागज सामने रखकर उससे तुलना करे. अखिलेश ने यह भी साफ किया कि अगले चुनाव में देश का प्रधानमंत्री बदलना है और इस मिशन में समाजवादी कार्यकर्ता लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम किसी के साथ भी गठबंधन करने के लिए तैयार हैं.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अखिलेश यादव ने अपना बंगला खाली कर दिया था लेकिन बंगले पर सियासत अभी भी थमने का नाम नही ले रही है. राज्य सम्पत्ति विभाग ने आरोप लगाया है कि आवास छोड़ते समय बंगले में काफी तोड़फोड़ की गई है. इस पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि यदि बंगले में तोड़फोड़ हुई है तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. राज्यपाल के आरोप के बाद ही बुधवार को अखिलेश ने अपनी बात रखी.

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