
Sri Lanka Crisis । श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद देश में हिंसा भड़क उठी है। जगह-जगह सरकार समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारी हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। सोमवार को महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद शुरू हुए बवाल में अभी तक 12 से अधिक मंत्रियों के घर को फूंक दिया गया है। प्रधानमंत्री आवास के अंदर भी गोलीबारी की गई है। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना के जवानों सड़कों पर उतार दिया गया है। लेकिन अभी तक स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका है।
हिंसा के दौरान कई नेताओं को झील में फेंका
श्रीलंका हिंसा से संबंधित कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए है। जिसमें मंत्रियों के धू-धू कर जलते घर के साथ-साथ कार सहित नेता को झील में फेंकते लोग दिख रहे हैं। उल्लेखनीय हो कि आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के विपक्षी दल और लोग राजपक्षे परिवार पर राजनीति छोड़ने का दवाब बना रहे थे। हालांकि प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे और उनके छोटे भाई और राष्ट्रपित गोटबाया राजपक्षे इस्तीफे की मांग को टाल रहे थे। इस बीच प्रदर्शनकारियों के दवाब के बीच सोमवार को महिंद्रा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद पूरे देश में हिंसा भड़क उठी।
हिंसा में 119 लोग घायल हो चुके
राजधानी कोलबो से जब राजपक्षे के समर्थकों ने जाने की कोशिश की तो उनकी गाड़ियों को निशाना बनाया गया। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में महिंद्रा राजपक्षे के पुश्तैनी आवास को आग के हवाले कर दिया। राजधानी कोलबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया। सरकार समर्थक और विरोधियों की हिंसा में अभी तक सांसद समेत चार लोगों की मौत हो गई है। समाचार एजेंसी के अनुसार अभी तक 119 लोग घायल हो चुके है
जानिए श्रीलंका में क्यों भड़की हिंसा
श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के लिए महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे को जिम्मेवार बताया जा रहा है। उल्लेखनीय हो कि विपक्षियों की मांग से इतर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे इस्तीफा नहीं देना चाहते थे। लेकिन विपक्षियों की मांग के खिलाफ उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर गए। जिसके बाद राजपक्षे भाइयों के विरोधियों और समर्थकों के बीच देश के कई हिस्सों में झड़पें शुरू हो गई हैं।
शांति व्यवस्था को कायम करना चुनौती होगी
सबसे पहले तो देश में शांति व्यवस्था को कायम करना चुनौती होगी। इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अंतरिम सरकार के गठन की प्रकिया शुरू करेंगे। पिछले हफ्ते प्रमुख विपक्षी नेता सिरिसेना ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इसमें तय हो गया था कि प्रधानमंत्री महिंदा इस्तीफा देंगे। अब जब महिंद्रा राजपक्षे इस्तीफा दे चुके हैं तो देश में अंतरिम सरकार के गठन का रास्ता साफ हो चुका है। लेकिन इसके लिए हिंसा का शांत होना भी जरूर है।