महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए खाका तैयार, एक दिन में करीब 3 हजार श्रद्धालु करेंगे दर्शन



* समय रहेगा प्रात: 8 से सायं 6 बजे तक
* ऑन लाइन एवं ऑफ लाइन पंजीयन की सुविधा
* 21 मार्च से मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश है बंद

उज्जैन .  तालाबंदी से ठीक पूर्व 21 मार्च,2020 से बंद महाकालेश्वर मंदिर 8 जून से आम श्रद्धालुओं को खोल दिया जाएगा। अभी की स्थिति में प्रतिदिन 3 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाएंगे। समय प्रात: 8 से सायं 6 बजे तक रहेगा। दर्शन पीतल के बेरीकेड्स के पिछे से ही होंगे। ऑन लाइन एवं ऑफ लाइन दर्शन के लिए पंजीयन की व्यवस्था की जा रही है। मंदिर को हर दो घण्टे में सेनेटाईज किया जाएगा। श्रद्धालुओं को निर्देश रहेंगे कि वे कतार में खड़े रहने से दर्शन करके लौटने तक मंदिर की दिवार,बेरीकेड्स से लेकर कोई भी वस्तु को स्पर्शन न करें। श्रद्धालुओं को मॉस्क लगाकर आना होगा और सामाजिक दूरी का पालन करना होगा।


शनिवार दोपहर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक कलेक्टर सह अध्यक्ष आशीषसिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। यह पहली ऐसी बैठक थी,जिसमें मंदिर प्रबंध समिति के अशासकीय सदस्य अनुपस्थित रहे। बैठक में शासकीय अधिकारी और महापौर ही शामिल थीं। बैठक में महाकालेश्वर मंदिर को आम श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु 8 जून से खोलने का फैसला लिया गया। इसके पूर्व पूरे मंदिर को सेनेटाईज करने का निर्णय लिया गया।


मंदिर में जैसे अभी प्रतिदिन भस्मार्ती सहित 5 आरतियां होती है,वह क्रम यथावत जारी रहेगा। प्रतिदिन करीब 3 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाएंगे। आकस्मिक स्थिति में इससे कम भी संख्या हो सकती है। मंदिर में वीआयपी के आगमन पर अलग से दर्शन व्यवस्था रहेगी लेकिन 250 रू. की सशुल्क दर्शन व्यवस्था फिलहाल स्थगित रहेगी। भस्मार्ती दर्शन फिलहाल बंद ही रहेंगे।

यह रहेगी दर्शन के लिए पंजीयन व्यवस्था
* एंड्राइड मोबाइल से एक दिन पूर्व पंजीयन होगा दर्शन के लिए। इसके अगले दिन प्रवेश दिया जाएगा। जो दर्शनार्थी एंड्राइड मोबाइल एप से पंजीयन नहीं कर सकते हैं वे टोल फ्री नम्बर 18002331008 पर पंजीयन करवा कर अगले दिन मन्दिर में प्रवेश कर सकेंगे। इन दोनों प्रक्रिया से भी यदि दर्शनार्थी पंजीयन नहीं कर सकते हों तो वे मन्दिर के काउंटर पर दर्शन के लिये पंजीयन करवा सकेंगे। उनको अगले एक या दो दिन में मन्दिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
* एक मोबाइल के माध्यम से सप्ताह में एक ही बार 1+4 श्रद्धालु पंजीयन कर सकेंगे। इसी तरह टोल फ्री नम्बर के माध्यम से भी एक दिवस पूर्व पंजीयन कर सकेंगे। इसके लिये मन्दिर के कंट्रोल रूम में ऑपरेटर पंजीयन हेतु तैनात रहेंगे, जो दर्शनार्थियों से बात कर पंजीयन करेंगे।
* काउंटर के माध्यम से एक दिवस पूर्व ही टिकिट का पंजीयन कर श्रद्धालु मन्दिर में प्रवेश कर सकेंगे। श्रद्धालु को मैसेज प्राप्त होने पर मैसेज में तय दिनांक एवं टाईम अनुसार श्रद्धालु दर्शन हेतु आ सकेंगे। इसमें एक क्यूआर कोड भी रहेगा।

महाकाल मन्दिर में दर्शन का समय

सोमवार 8 जून से दर्शन प्रारम्भ होंगे। दर्शन तीन स्लॉट में होंगे। पहले स्लॉट का समय प्रात: 8 बजे से 10 बजे तक, दूसरे स्लॉट में प्रात: 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और तीसरे स्लॉट में दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक दर्शन होंगे। तीनों स्लॉट के बीच के समय में सेनीटाइजेशन किया जाएगा। शाम 6 बजे से 7 बजे तक साफ-सफाई करने के बाद दर्शनार्थियों के लिये प्रवेश बन्द कर दिया जाएगा।

गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा

महाकालेश्वर मन्दिर में श्रद्धालुओं के लिये गर्भगृह में प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य होगा। मन्दिर में पूजन-सामग्री, जल, प्रसाद, अभिषेक, पूजन, कलावा, तिलक पर प्रतिबंध रहेगा। मन्दिर परिसर में स्थित मन्दिरों में श्रद्धालुओं के लिये दर्शन प्रतिबंधित रहेगा। अन्नक्षेत्र एवं धर्मशाला बन्द रहेगी।

थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से होगी स्क्रीनिंग

मन्दिर में प्रवेश के समय मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही फुट सेनीटाइजेशन मशीन के द्वारा सेनीटाइजेशन किया जाएगा। श्रद्धालुओं के हाथ धुलवाये जाएंगे। नॉन बॉडी टच थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग होगी। प्रति दो घंटे में श्रद्धालुओं के द्वारा स्पर्श होने वाली रेलिंग व अन्य स्थानों का सेनीटाइजेशन किया जाएगा।

श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य

मन्दिर में दर्शन के लिये आये श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मन्दिर परिसर, मन्दिर के आसपास थूकना प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं को अपनी चरण पादुका, अपने वाहन या अन्य स्थान पर रखना होंगे।

मंदिर समिति के कर्मचारी यह रखेंगे सावधानी

मन्दिर में सेवा देने वाले कर्मचारी श्रद्धालुओं की कतार में किसी भी श्रद्धालु को स्पर्श नहीं करेंगे। दूर से ही लाईन चलवाएंगे। दान देने वाले श्रद्धालु दान पेटी में ही नकदी डालेंगे।
बैठक में महापौर मीना जोनवाल, एसपी मनोज कुमार सिंह, महन्त विनीत गिरीजी,निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, एएसपी रूपेश द्विवेदी, आरसी जाटवा, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर के तिवारी, सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव उपस्थित थीं।

आरती की थाली में नहीं चढ़ेगा चढ़ावा…

प्रदेश के संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें,भोपाल से जारी आदेश के तहत प्रदेशभर के धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थलों पर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए एसओपी जारी की है। इस एसओपी के आधार पर ही महाकाल मंदिर सहित जिले के सभी धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थलों में आदेशों का पालन जिला प्रशासन को करवाना है। यह आदेश जिले के सभी बड़े-छोटे मंदिरों, मस्जिदों,गुरूद्वारों, चर्च आदि पर लागू होंगे।
मंदिरों को लेकर जहां घण्टा तक बजाने पर प्रतिबंध है वहीं मस्जिद में प्रवेश के पूर्व श्रद्धालु को वजू अपने घर से करके आने को कहा गया है। इसीप्रकार किसी भी प्रकार का बैठने का कपड़ा,दरी आदि अपने घर से लेकर आने के निर्देश हैं। जो निर्देश जारी हुए हैं, उन्हे सभी धार्मिक स्थलों,पूजा स्थलों पर एकसामन लागू किया जाना है।

जारी निर्देश अनुसार-

65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ओर गर्भवती महिलाओं
और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रहना होगा घरों पर
* 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों,गर्भवती महिलाओं,10 वर्ष से कम आयु के बच्चों,बीमारियों-कोमॉबिडि कंडीशनवाले व्यक्तियों को उनके घरों पर रहने की सलाह रहेगी।
* मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग एरिया में भी सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य रूप से करवाया जाएगा। ऐसी स्थिति में महाकाल मंदिर के बाहर पार्किंग स्थल को बढ़ाना होगा या फिर रूद्र सागर क्षैत्र में पार्किंग एरिया बनाना होगा।
* जिले के सभी धार्मिक स्थलों/पूजा स्थलों के परिसर में प्रवेश के पूर्व साबुन से हाथ एवं पैर धुलवाना अनिवार्य है।
* गर्भगृह में एसी चलाएं तो एसी का तापमान 24 से 30 डिसे हो। रिलेटिव्ह ह्यूमिडिटी 40 से 70 प्रतिशत होना चाहिए। ताजी हवा का आवगमन होना चाहिए।
* आरती की थाली में/प्रतिमा के समक्ष में चढ़ावा वर्जित है। चढ़ावा डिजिटल ट्रांसफर ऑफ मनी से हो सकेगा या दान पेटी में। सामाजिक दूरी 6 फिट की रहेगी। आरती की थाली श्रद्धालु तक नहीं पहुंच पाएगी। सांकेतिक रूप से श्रद्धालु आरती ग्रहण करेंगे।
* पण्डे-पुरोहित किसी भी श्रद्धालु को तिलक नहीं लगा सकेंगे और न ही रक्षा सूत्र हाथ पर बांध सकेंगे।
* मंदिर में यदि धातु की रैलिंग है तो उसको बार बार सेनेटाईज करना होगा। महाकाल मंदिर में पीतल की रैलिंग के पिछे से सामाजिक दूरी बनाकर दर्शन करवाए जाएंगे। वहां पर रैलिंग को बार-बार सेनेटाईज करवाने के लिए कर्मचारी रखना होगा,ताकि संक्रमण न फैले।
* श्रद्धालु यदि अपना फेस मॉस्क या हैण्ड ग्लोब्ज जमीन पर फैक़ गया तो बायो वेस्ट की सावधानियां रखते हुए निपटान करने के लिए कर्मचारी तैनात करना होगा।
* महाकाल मंदिर में रैपिड रिस्पांस टीम तैनात होगी। निर्देशानुसार प्रत्येक श्रद्धालु के शरीर का तापमान देखकर ही उसे दिया जाएगा। यदि उसका तापमान तय माप से कम होगा, तो कोविड-19 संदिग्ध मानकर संबंधित श्रद्धालु को एक अलग कक्ष में ले जाया जाएगा। उसकी चिकित्सकीय जांच के लिए रैपिड रिस्पांस टीम आएगी। टीम के न आने पर उसे समीप के हॉस्पिटल मेें भेजा जाएगा। उपचार के साथ उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। यदि पॉजीटिव्ह आता है तो पूरे परिसर को सेनेटाईज करना होगा।

मुख्यमंत्री 9 जून को करेंगे महाकाल दर्शन

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का उज्जैन आगमन 6 जून को संभावित था। अब वे 8 या 9 जून को उज्जैन आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार यदि वे 8 जून को इंदौर रहे तो 9 जून को उज्जैन आएंगे। पूर्व में आते तो उन्हे शिखर दर्शन करना होते। महाकाल भक्त श्री चौहान 9 जून को मंदिर के अंदर जाकर दर्शन करेंगे। मंदिर प्रबंध समिति ने इस बात का ध्यान रखते हुए शनिवार को अघोषित रूप से व्यवस्थाओं का जायजा भी ले लिया। ताकि तय हो सके कि किसप्रकार से सुरक्षित गलियारे से श्री चौहान को मंदिर में दर्शन के लिए ले जाया जाए ताकि आम श्रद्धालुओं तथा आम श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए प्रवेश/निर्गम द्वार से हटकर वे आ-जा सकें।

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