लखनऊ ; CM योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में 15 जुलाई से प्लास्टिक बैन का आदेश जारी कर दिया है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को यूपी कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है। हाल ही में महाराष्ट्र में हुए प्लास्टिकबैन के बाद अब यूपी प्लास्टिक बैन करने वाला देश का 19वां राज्य बन गया है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी के मुताबिक 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
सरकार के आदेश के मुताबिक
यदि कोई नियम का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसपर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता से अपील की कि सभी इस प्लास्टिक बंदी में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
हमने 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। मैं आह्वान करता हूं कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो। इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी: #UPCM श्री #YogiAdityanath pic.twitter.com/z6JzEmk38C
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 6, 2018
अखिलेश सरकार में लगा था प्रतिबंध
दिसम्बर 2015 में अखिलेश सरकार ने पॉलिथिन के कैरीबैग्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके लिए सरकार ने इन्वाइरनमेंट प्रटेक्शन ऐक्ट को भी मंजूरी दी थी। ऐक्ट में व्यवस्था थी कि अगर कोई प्रतिबंधित पॉलिथिन का इस्तेमाल करता पाया जाएगा तो उसे छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता था।
ऐक्ट पर्यावरण विभाग ने बनाया था और इसे लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी। हालांकि ऐक्ट में प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 20 माइक्रॉन या उससे कम रखी गई थी, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 50 माइक्रॉन या उससे कम तय की है। इस विरोधाभास और ऐक्ट के क्रियान्वयन के लिए एक एजेंसी न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।
महाराष्ट्र ने भी किया था प्लास्टिक को बैन
आपको बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र में भी प्लास्टिक और थर्मोकोल पर बैन लगाया गया है। महाराष्ट्र में 250 एमएल पानी की बॉटल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों को 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना भरना होगा या फिर तीन महीने की सजा हो सकती है।