धर्म संसद : विहिप की हुंकार, अब कोई बहाना नहीं ; जन्मभूमि पर ही बनेगा राम मन्दिर

कुम्भ नगरी (प्रयागराज)। प्रयागराज के कुम्भनगर के सेक्टर 14 स्थित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कैम्प परिसर में चल रही धर्म संसद शुरू हो गयी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत और जगद्गुरु शंकराचार्य रामानंदाचार्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
विहिप ने राम मंदिर आंदोलन की वकालत करते हुए इसे राजनीतिक कपटियों से बचाने की अपील की।इसके साथ ही जिस स्थान पर भगवान राम ने जन्म लिया, उसी स्थान पर श्रीराम मंदिर बनाने की हुंकार भरी।

धर्म संसद की शुरुआत विहिप में अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करना प्रशंसनीय है। उन्होंने का कहा कि जिस स्थान पर भगवान श्रीराम ने जन्म लिया था। मंदिर वहीं बनेगा। आन्दोलन के दौरान हुए शिलापूजन में प्रयोग हुई शिलाओं से इस मंदिर को श्रीराम जन्म भूमि न्यास ही पूरा कराएगा। इस आन्दोलन को तोड़ने का कुचक्र रचने वाले अपनी मंशा में न कभी सफल हुए हैं और न ही भविष्य में उनके सफल होने की गुंजाइश है।

उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार्मिक अनुष्ठान बताते हुए कहा कि अमृत निकालने के लिए समुद्र मंथन करना होता है। मंथन से जहर भी निकलता है। उसे हजम करने के लिए भगवान शंकर की जरूरत होती है। उन्होंने इशारा करते हुए कहा कि ऐसे ही कुछ राजनैतिक दल श्रीराम मंदिर मुद्दे पर होने वाले मंथन से निकलने वाले सामाजिक दोष रूपी जहर से समाज को दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर कुछ स्वार्थी दलों द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने संत समाज से इस स्थिति पर निर्णय करने की अपील की।

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