फर्जी अकाउंट मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी गिरफ्तार

फर्जी बैंक खातों के मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी हुए गिरफ्तार

इस्लामाबा । पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने सोमवार को फर्जी बैंक खातों के मामले में संघीय राजधानी से गिरफ्तार कर लिया। जरदारी की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन और उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के जस्टिस अमीर फारूक और मोशीन अख्तर कयानी की अदालत ने जरदारी, जोकि पीपीपी के सह-अध्यक्ष हैं, को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। अदालत ने जरदारी और उनकी बहन फरीयाल तालपुर की फर्जी बैंक खातों के मामले में अंतरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी को खारिज कर दिया।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने एनएबी को जरदारी और तालपुर को गिरफ्तार करने की अनुमति सुरक्षा एजेंसियों को  देते हुए कहा कि उन दोनों के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प अब भी खुला है।
इस्लामाबाद स्थित जरदारी के घर में काले रंग का एक वाहन देखा गया और माना जा रहा है कि उसमें पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी गिरफ्तारी के बाद बैठे हुए थे। यह मामला दो नेताओं की निजी कंपनियों को कथित रूप से फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये के लेनदेन से संबंधित है।
जरदारी को ले जाने वाले वाहन ने पिछले दरवाजे से राजधानी के मेलोडी क्षेत्र में एनएबी कार्यालय में प्रवेश किया, जहां डॉक्टरों की एक टीम ने पहली बार उनका मेडिकल चेक-अप किया। पीपीपी नेता को कल रिमांड पर लेने के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
इससे पहले एनएबी के अधिकारियों के एक दल ने आसिफ अली जरदारी के गिरफ्तारी वारंट के बारे में संसद भवन में नेशनल असेंबली के स्पीकर को सूचित किया । पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और एनएबी के अधिकारी जरदारी हाउस पहुंचे, जबकि पुलिस ने गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए और उस स्थान से जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया था।
जरदारी की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तारी के दौरान कोई विरोध नहीं हुआ था और एनएबी के अधिकारियों को जरदारी हाउस में बिना रोक-टोक के  जाने दिया गया ।
जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि एनएबी को पूर्व राष्ट्रपति को लॉक-अप में रखने की उम्मीद थी। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि एनएबी फरयाल तालपुर को हिरासत में नहीं लेगा। इससे पहले, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ ने एनएबी अध्यक्ष, आसिद अली जरदारी के आदेश को प्रस्तुत करने का आग्रह किया था।
नेशनल असेंबली के नेता शरीफ ने कहा, “जरदारी ने हर मौके पर खुद को एनएबी के सामने पेश किया और देरी करने की रणनीति का इस्तेमाल नहीं किया। एनएबी को इसकी सराहना करनी चाहिए थी और गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी।”
यह है पूरा मामलाः 
यह मामला फर्जी बैंक अकाउंट के जरिये 4.4 अरब रुपये के संदिग्ध लेन-देन से जुड़ा हुआ है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक यह अकाउंट ‘मेसर्स ए वन इंटरनेशनल’ के नाम से दर्ज है, जो कि फर्जी अकाउंट है। इस अकाउंट में 4.4 रुपये भेजे गए थे, जिनमें से तीन करोड़ रुपये जरदारी ग्रुप को दो अलग-अलग वक्त पर भेजे गए थे।

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