एक ही शख्स से 3 बार शादी की ये दिग्‍गज अभिनेत्री, चेहरा देखकर न होगा यकीन

बॉलीवुड में शादियों का होना और टूटना आम बात होती है वहीं आए दिन यहां कई स्‍टार शादी करते हैं और साथ ही यहां कब प्‍यार होता है कब ब्रेकअप होता है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने एक ही व्‍यक्ति से तीन बार शादी की। जी हां हम बात कर रहे हैं 11 नवंबर 1936 को जन्मी नेपाली-भारतीय अभिनेत्री माला सिन्हा की।

बताते चलें कि जब साठ और सत्तर के दशक में पर्दे पर हुस्न के साथ हुनर की ज़रूरत होती थी, तो माला सिन्हा को याद किया जाता था। माला ने उस दौर के सिनेमा को अपनी अदाकारी से ऐसा नवाज़ा कि आज भी वो यादों की माला का बेशक़ीमती मोती हैं। मगर, जिस मोती पर वक़्त की गर्द जम जाए, उसकी कोई क़ीमत नहीं होती।

अभिनेत्री माला सिन्हा 16 साल की थी तब यह आकाशवाणी कोलकाता पर गीत सुनाया करती थी। एक परिचित ने उन्हें सलाह दी कि पार्श्वगायिका बनने के बजाय वे एक्टिंग पर जोर दे तो ज्यादा सफलता मिल सकती है। एक पत्र लेकर वह अपने पिता के साथ बम्बई के एक निर्माता से मिली। एक घंटे के इंतजार के बाद निर्माता ने देखते ही कहा कि पहले अपना चेहरे शीशे में देखो। इतनी भौंडी नाक लेकर हीरोइन बनने का सपना देख रही हो। इस शुरुआत के साथ कड़ुए घूंट को वह कभी नहीं भूल पाईं।

बता दें कि माला अपने बॉलीवुड की शुरूआती फिल्में फिल्मकार अमिय चक्रवर्ती की बादशाहत तथा फिल्म आचार्य किशोर साहू की हेमलेट थी। लेकिन अफसोस की उनकी दोनों फिल्में असफल रही और माला के बारे में फिल्म इंडस्ट्री में तरह-तरह की बातें फैलने लगीं। ि‍जिसके बाद बी.आर. बैनर तले यश चोपड़ा के निर्देशन में फिल्म आई ‘धूल का फूल’। इस फिल्म में दर्शकों ने माला का अलग रूप देखा। यश चोपड़ा के ट्रीटमेंट से माला का किरदार ऐसा उभरा कि उन्हें चारों ओर से वाहवाही मिली।

इतना ही नहीं इसके बाद से ही माला ने सभी बाधाएं पार कर ली और उन्होंने नरगिस, मीना कुमारी, गीता बाली, मधुबाला, वहीदा रहमान, नूतन और वैजयंतीमाला के बीच अपना अलग मुकाम भी बना लिया।  अभिनेत्री माला सिन्हा की बहुत ही सुपरहिट फिल्में रही- गुमराह, प्यासा, नीला आकाश, धूल का फूल, दो कलियां,गीत, दिल तेरा दीवाना, अनपढ़ आदि। 100 से भी अधिक फिल्मों में इन्होंने बहुत ही अच्छा अभिनय किया। बॉलीवुड में केदार शर्मा की वजह से इन्हें आगे बढ़ने में सफलता मिली।

16 मार्च सन 1968 को अपने सह कलाकार चिदंबरम प्रसाद लोहनी से इन्होंने विवाह किया। बताया जाता है कि माला का पहला विवाह रजिस्ट्रार ऑफिस में हुआ वहीं दूसरा ईसाई विधि से और तीसरा हिंदू रीति-रिवाज से। इन्‍होंने ये तीनों विधियों से एक ही शख्‍स से शादी की। यह सब इन्होंने अपने पिता के कहने पर किया, क्योंकि इनके पिता भारतीय- नेपाली थे।

उनका ज़्यादातर समय अब घर पर ही गुज़रता है। 2013 में दादा साहब फाल्के अवार्ड समारोह में वो आख़िरी बार पब्लिक के बीच दिखाई दी थीं। उनके क़रीबी बताते हैं कि वो अपनी बेटी प्रतिभा सिन्हा की नाकामयाबी के कारण निराश रहने लगी और धीरे धीरे हर चीज से दूर हो गई। ग्लैमर की रोशनी में नहाने के बाद गुमनामी में जीना बेहद तकलीफ़दायी होता है अौर ये एक सितारा ही समझ सकता है।

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