24 घंटे में 3 बार दी जान देने की कोशिश, पहले पी शराब फिर खाया जहर नहीं गई जान तो… !

रविन्द्र का अस्पताल में इलाज चल रहा है

MADHYA PRADESH :  35 साल का रविन्द्र कटारे अस्पताल के बिस्तर पर पहुंचकर भी जीना नहीं चाहता। भगवान ने उसकी तीन-तीन बार जान बख्श दी लेकिन वो जान देने पर आमादा है। यही वजह है कि वो इलाज करने वाले डॉक्टरों को सहयोग नहीं कर रहा है और उसे दवाई चढ़ाने और इंजेक्श लगाने के लिए उसके हाथ-पांवों को पकड़ना पड़ रहा है।

पेश से टैक्सी ड्राइवर रविन्द्र बैतूल के के चिचोली थाना इलाके के पाठाखेड़ा का रहने वाला है। अभी तक की तफ्तीश में बात सामने आई है कि रविन्द्र का उसकी पत्नी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। ये झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ा कि रविन्द्र ने अपनी जान देने की ठान ली। उसे किसी ने बताया कि ज्यादा शराब पीने की वजह से इंसान की मौत हो जाती है।

रविन्द्र ने जमकर शराब पी, उसने इतनी शराब पी कि वो शराब पीते-पीते बेहोश हो गया। जब उसे होश आया और उसकी जान नहीं गई तो रविन्द्र ने चूहे मारने की दवा खा ली लेकिन इससे भी रविन्द्र के जिस्म से उसकी जान जुदा नहीं हो पाई। जब शराब और जहर ने काम नहीं किया तो रविन्द्र ने तय किया कि वो फांसी पर लटक कर जान दे देगा।

उसने फांसी का फंदा बनाया और फिर उस पर लटक गया लेकिन यहां पर भी वो बच गया। इस बीच उसकी पत्नी को इसके बारे में पता चला तो उसने रविन्द्र के भाई विनोद को इस बात की जानकारी दी।

विनोद ने पहले तो चिचोली के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उसकी हालत नाजुक होने की वजह से उसे बैतूल के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

अस्पताल पहुंचने के बावजूद रविन्द्र जान देने पर आमादा है और इलाज में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहा है। हालात ये हैं कि उसको दवा दिलाने के लिए उसके ऊपर बैठना पड़ता है तब जाकर वो हिलना ढुलना बंद करता है।

डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। उसके पेट में गए जहर को तो निकाल दिया गया है लेकिन अगर वो इलाज में सहयोग नहीं करेगा तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।

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