भास्कर समाचार सेवा
मैनपुरी। मां शीतला देवी मंदिर में नेजा चढ़ाने की बरसों पुरानी रीत रही है भक्त दूर-दूर से मां से मुराद मांगने आते हैं और मां मुराद पूरी करती है कस्बा कुरावली के ग्राम नौगांव से भव्य मां के मंदिर में नेजा चढ़ाने के लिए भक्त पहुंचे दलबीर सिंह राठौर के साथ दलवीर सिंह राठौर ,नरेंद्र सिंह चौहान , विपिन सिंह तोमर , बल्लू राय विनोद कुमार , रितेश कुमार राठौर , जालिम सिंह, हेमराज सिंह राठौर , शैलेंद्र चौहान , दिनेश कुमार, सोमवीर सिंह चौहान अजय , पवन , उदय राठौर , अंकित राठौर , आर्या राठौर , राजा राठौर, दीपू राठौर , मंजेश राठौर, अंकुश राठौड़ , वीरेंद्र राठौर, रामु राठौर आदि हजारों संख्या में भक्त पैदल ही मां शीतला के दर्शन करने को पहुंचे मां की महिमा बड़ी अपरंपार है मां बड़ी दयालु है आज दैनिक भास्कर की टीम शीतला धाम पहुंची जिसमें आज हमने मां की महिमा के बारे में जाने की कोशिश की मंदिर के पुजारी विपिन शुक्ला बताते हैं कि एक बार महाराज चैत्र मास नवरात्र में जब कड़ा मानिकपुर मां के दर्शन को गए तो मां ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर आदेश दिया कि तेरी सेवा और भक्ति से वह प्रसन्न हैं। इसलिए उनकी स्थापना वह मैनपुरी राज्य में कराएं। मैनपुरी आकर महाराज ने मां की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए संकल्प लिया।
उन्होंने मैनपुरी-कुरावली रोड पर मां आद्या शक्ति की मूर्ति को विराजमान कराने के लिए भव्य मंदिर का निर्माण कराया। इसमें कड़ा स्थित आद्या शक्ति की ऐसी कलात्मक प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित कराई, जो तत्कालीन मूर्तिकला, शिल्पकला, वास्तुकला और पुरातात्विक दृष्टिकोण से मूल्यवान कृति रही है।
बुजुर्ग बताते हैं कि 16वीं शताब्दी में जनपद एवं आसपास के स्थलों में बड़ी चेचक और खसरे का गंभीर प्रकोप हुआ तो मां आदिशक्ति की ख्याति के कारण जनसमुदाय ने देवी मां का जप और आराधना की। यह रोग उनकी भस्म और असीम कृपा से दूर हो गया। चूंकि इस रोग में गर्मी की अधिकता रहती है, उससे शीतलता प्रदान करने वाली शक्ति का नाम शीतला देवी के रूप में ख्याति प्राप्त हो गया। यहां नेजा चढ़ाने की भी पुरानी परंपरा है।
मंदिर में विराजमान मां शीतला देवी