कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डाॅ. भीमराव अंबेडकर विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। यह जानकारी कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दी है।
गुरुवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव “राज्यसभा में डॉ आंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी” के लिए पेश किया गया। जयराम रमेश ने साझा किए गए एक वीडियो में अमित शाह को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए यह कहते हुए देखा जा सकता है कि “अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि यह अच्छी तरह से स्थापित है कि सदन की उपस्थिति में कोई भी दुर्व्यवहार या अपमानजनक बयान देना विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है। इस मामले में गृह मंत्री की उपरोक्त टिप्पणियों के शब्द और लहजे और भाव स्पष्ट रूप से व्यंग्यात्मक हैं और बहुत ही खराब हैं। भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बीआर आंबेडकर के नाम का उपयोग करना डॉ. आंबेडकर का स्पष्ट अपमान है। सदन में की गई ये टिप्पणियां पूरी तरह से अपमानजनक हैं और डॉ. आंबेडकर का अपमान करती है। खरगे ने कहा कि गृह मंत्री का ऐसा आचरण विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के समान है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 188 के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया। एक सदस्य की ओर से विशेषाधिकार प्रस्ताव तब पेश किया जाता है, जब उसे लगता है कि किसी अन्य सदस्य ने सदन के विशेषाधिकार का हनन किया है।