
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘गैंगस्टर’ अधिनियम के तहत विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के खिलाफ एक मामले में 10 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन.कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद वह अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर विचार करेगी. बता दें कि अब्बास ने मुठभेड़ के डर से 31 जनवरी को ‘गैंगस्टर’ अधिनियम के तहत एक मामले में अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही में डिजिटली पेश होने की अपील की थी.
अब्बास अंसारी मामले में SC का पुलिस पर आरोप
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 18 दिसंबर को गैंगस्टर’ अधिनियम के तहत एक मामले में अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन पर और कुछ अन्य लोगों पर वित्तीय और अन्य लाभ के लिए गिरोह बनाने का आरोप लगाया गया था. चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त, 2024 को अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा दो, तीन के तहत FIR दर्ज की गई थी.
अब्बास अंसारी पर क्या है आरोप?
अब्बास अंसारी समेत अन्य पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था. जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले में जांच जारी है. इस मामले में उन्हें छह सितंबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि अब्बास अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं और मुख्तार अंसारी के बेटे हैं.