गोरखपुर, 16 मई (हि.स.)। पूर्णबन्दी में परेशान पैदल आ रहे प्रवासी मजदूरों के कई जत्थों को गोरखपुर की सीमा पर ही रोक दिया गया। धीरे-धीरे यह संख्या तकरीबन 02 हजार तक पहुंच गई।
जिला प्रशासन को बढ़ती भीड़ का जब तक अंदाजा हुआ तब तक बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए और सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ने लगीं। आनन-फानन में बसों के इंतजाम में जुटे प्रशासन को अंततः ट्रकों में भर कर मजदूरों और उनकर परिजनों को गंतव्य तक रवाना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद प्रशासन अब प्रवासी मजदूरों के पैदल चलकर घर पहुंचने की स्थिति को लेकर काफी सतर्क हो गया है। शनिवार को पैदल चल रहे तकरीबन दो हजार प्रवासी मजूदरों को गोरखपुर में प्रवेश की सीमा कालेसर के पास रोक लिया गया। वहां से प्रशासन ने उनके आगे जाने का इंतजाम किया। बताया जा रहा है कि पहले रोडवेज बसें बुलाई गईं। लेकिन श्रमिक स्पेशल से आ रहे यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाने में लगी बसें नहीं मिल सकीं। इधर, कालेसर में मजदूरों की बढ़ती भीड़ से प्रशासन की सांसें फूलने लगीं। फिर, ट्रकें बुलवाई गईं और प्रवासी मजदूरों व उनके परिजनों को घरों के लिए रवाना किया गया।
उड़ीं सामाजिक दूरी की धज्जियां
मजदूरों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी थे। एक जगह जमा होने और ट्रकों पर सवार होने के दौरान सामाजिक दूरी का नियम बुरी तरह टूट गई। हालांकि इस दौरान अधिकारी और पुलिसकर्मी सामाजिक दूरी बनाने की कोशिश में जुटे रहे। उधर, ट्रकों की लाइन लगने और अन्य वाहनों को भी रोक दिए जाने की वजह से सड़क पर जाम की स्थिति बन गई थी।
प्रशासन ने दी चप्पलें, पिलाया पानी
मजदूर अपने परिवारों के संग कालेसर फ्लाईओवर के नीचे खड़े थे। अधिकांश प्यास से बिलबिला रहे थे। कुछ के पैरों में चप्पलें भी नहीं थीं। मानवीयता दिखाते हुए प्रशासनिक अफसरों ने इन्हें चप्पलें, पीने का पानी और भोजन भी मुहैया कराया।