CM योगी ने खत्म कर दी मुलायम की 30 साल पुरानी बादशाहत, इस चुनाव में 311 में जीतीं 281 सीटें

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की योगी सरकार लगातार विपक्षियों को झटकों पर झटके दिये जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज बौने साबित हो चुके हैं. अब एक और चुनाव में योगी ने समाजवादी पार्टी को ऐतिहासिक हार दी. बीजेपी के समर्थित उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश सहकारी भूमि विकास बैंकों के चुनावों में 311 में से 281 सीटें जीत ली हैं. तीन दशक के बाद ऐसा हुआ है जब सहकारी भूमि विकास बैंकों से मुलायम सिंह यादव के परिवार का वर्चस्व खत्म हुआ है.

मंगलवार (1 सितंबर) को सहकारी भूमि बैंकों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस चुनाव में विपक्ष के रूप में समाजवादी पार्टी चुनी गई. हालांकि एसपी को सिर्फ कुछ ही गिनी चुनी सीटें मिली हैं.

बीजेपी ने जीत को बताया ऐतिहासिक
चुनाव आयुक्त पी.के. मोहंती ने कहा कि शिकायतों के चलते 11 जगहों पर चुनाव रद्द किए गए थे. इस ‘ऐतिहासिक जीत’ को लेकर बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि विपक्षी उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की ही हिम्मत नहीं की. वहीं विपक्ष ने कहा कि कि राज्य की मशीनरी ने चुनावों को हाइजैक कर लिया था.

कांग्रेस गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी के जगदीशपुर में ही जीत दर्ज करा सकी, जहां राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे. विपक्षी दलों द्वारा जीती गई अन्य प्रतिष्ठित सीटों में वाराणसी, बलिया, गाजीपुर और इटावा थीं.

शिवपाल 2005 से लगातार रहे बैंक के अध्यक्ष
2005 से तीन बार बैंक के अध्यक्ष रह चुके प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने नियमों में बदलाव किया जिसने उन्हें चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित कर दिया. शिवपाल ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए दो बार से ज्यादा चुनाव लड़ना अब वर्जित कर दिया गया है. उन्होंने इस नियम को अलोकतांत्रिक बताया. उन्होंने इशारों में कहा कि अगर यह नियम न आता तो इस बार भी उन्हें ही जीत मिलती.

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