इलाहाबाद उच्च न्यायालय का RWA executive committee सदस्यों के खिलाफ़ दर्ज एफआईआर में दखल देने से इंकार

मामला कौशाम्बी, गाजियाबाद स्थित कंचनजंगा बिल्डिंग RWA का हैं। साल 2019 में मेरठ स्पेशल न्यायालय ने गौरव गोयल, अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय की शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस को निर्देश दिया कि RWA executive committee सदस्यो के ख़िलाफ़ Prevention of Corruption Act के अन्तर्गत FIR दर्ज करें। अभिषेक यादव, अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय ने बहस करी की RWA executive committee के सदस्य एक Public Servant हैं Prevention of Corruption Act के अन्तर्गत।

अगर यह सदस्य RWA के पैसों का कोई ग़लत इस्तमाल अपने फायदे के लिए करते हैं तो यह एक अपराध हैं। FIR दर्ज होने के ख़िलाफ़ RWA के 11 सदस्यो ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में FIR को खारिज करने के लिए याचिका दायर करी। इलाहबाद उच्च न्यायालय की double bench ने अपने 13.9.2019 आदेश से यह याचिका खारिज कर दी और यह माना की RWA executive committee सदस्य एक Public Servant हैं और उन पर Prevention of Corruption Act के अंतर्गत मुकदमा चलाया जा सकता हैं।


इस उच्च न्यायालय के आदेश से अब RWA executive committee सदस्यों की मनमानी खत्म होगी और इस तरह RWA के पैसों के सही इस्तेमाल लिए अब executive committee सदस्य जिम्मेवार होंगे और इससे RWA में हो रहे घपलों पर लगाम लाग सकेगी। यह आदेश flat मालिकों के लिए एक बड़ी राहत है।

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