आप की आंधी में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, जमानत तक नहीं बचा पाए 63 उम्मीदवार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। किसी सीट पर जीत हासिल करना तो दूर की बात, कांग्रेस अपने 63 उम्मीदवारों की जमानत तक बचाने में नाकाम रही। कुल मतदान में से पार्टी को 4.3 फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। ऐसे में यकीन करना मुश्किल है कि यह वही पार्टी है, जिसने लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज किया। दिल्ली में कांग्रेस की ओर से बल्लीमारान से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, चांदनी चौक से अलका लांबा और मटिया महल से मिर्जा जावेद अली जैसे बड़े नाम भी अपनी जमानत नहीं बचा सके।

चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं भाजपा महज 8 सीटें हासिल कर पाई है।

इन बड़े नामों की भी जमानत जब्त
हारून यूसुफ
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार हारून यूसुफ बल्लीमारान सीट से महज 4.73 फीसदी वोट ही हासिल कर सके। हारून यूसुफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। वह बल्लीमारान से चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में लगातार खाद्य एवं आपूर्ति और उद्योग मंत्रालय संभालते आए थे। बल्लीमारान विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन को 65,644 वोट मिले। यहां उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार लता सोढ़ी रहीं। लता सोढी बल्लीमारान सीट से 29,472 वोट हासिल करने में कामयाब रहीं। हारून यूसुफ को इस बार महज 4802 वोट मिले हैं।

मिर्जा जावेद अली
जामा मस्जिद से सटे मटियाला महल इलाके में कांग्रेस की हालत और ज्यादा खराब रही। मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद जहां भारतीय जनता पार्टी यहां लगभग 20 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही, वहीं कांग्रेस को महज 3.85 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण यहां भी उसकी जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस ने यहां अपने भरोसेमंद उम्मीदवार मिर्जा जावेद अली को मैदान में उतारा था। जावेद अली को सिर्फ 3409 मत हासिल हुए हैं। कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आए शोएब इकबाल यहां 67,282 वोट मिले हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को मटियाला महल में 17,041 वोट मिले हैं।

अलका लांबा 
अलका लांबा चांदनी चौक विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह साहनी को अंतिम गिनती के मुताबिक 50,891 वोट हासिल हुए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा को 3881 वोट मिले हैं। भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 21307 वोट हासिल हुए हैं। कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन यहां औसत से भी नीचे रहा है। कांग्रेस को यहां 5.03 प्रतिशत वोट मिले। अलका लांबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 16 हजार से अधिक से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी। लेकिन इस बार अल्का लांबा अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं।

प्रियंका सिंह
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह की भी जमानत जब्त हो गई है। कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद भी संगम विहार से अपनी जमानत नहीं बचा पाईं। उन्हें केवल 2,604 वोट यानी मात्र 2.23 फीसदी वोट ही मिले।

इन तीन सीटों पर बचाई जमानत
तीन सीटों पर कांग्रेस जमानत बचाने में कामयाब हो पाई है। वो सीट गांधी नगर, बादली और कस्तूरबा नगर हैं। चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा भी अपनी जमानत जब्त होने से नहीं बचा सकीं। अलका लांबा आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई थीं।

स्वीकार की हार
हार को स्वीकार करते हुए कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई। हम जनादेश स्वीकार करते हैं और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के नवनिर्माण का संकल्प लेते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि जनता ने अपना जनादेश दे दिया। जनादेश कांग्रेस के विरुद्ध भी दिया है। हम कांग्रेस की तरफ से इस जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं।

कैसे जब्त होती है जमानत
यदि किसी उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा भाग नहीं मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। कांग्रेस के अधिकतर प्रत्याशियों को 5 प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा की कालकाजी सीट से जमानत जब्त हो गई।

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