भास्कर समाचार सेवा
वृंदावन । श्री बांकेबिहारीजी के प्राकट् उत्सव पर श्री बांकेबिहारी सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा बिहार पंचमी महोत्सव पर एक शाम बांके बिहारी के नाम कार्यक्रम का आयोजन श्री धाम वृंदावन के पावन धरा पर बिहारी जी के 535 वे प्राकट्य उत्सव के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ठाकुर श्री बांके बिहारी जी की प्रतीक श्री विग्रह के अभिषेक के माध्यम से किया गया। महा अभिषेक प्रियांशु गोस्वामी जी, रघु गोस्वामी जी के कर कमल से संपन्न किया गया। आचार्य प्रदीप गोस्वामी महाराज जी के सानिध्य में कालीदह चौराहे स्थित कुंवरपाल मैरिज हॉल में आयोजित कार्यक्रम में ब्रज रसिक संतों द्वारा स्वामी हरिदास महाराज के समाज गायन की प्रस्तुति दी। ब्रज के कलाकारों द्वारा मोहन श्याम दुबे रसिक शिवाय अनुपम भारद्वाज जी के द्वारा भजन, ब्रज की पारंपरिक मयूर नृत्य, माखन चोरी लीला, ध्रुपद गायन , अमित पलवार ग्रुप के द्वारा ताल बंदी, श्याम सोनी के द्वारा शंखनाद व फूलों की होली के दिव्य दर्शन आदि की मनोहारी प्रस्तुति दी गई। रघु गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज बृज के सबसे लाडले ठाकुर हैं। उनके प्राकटॺ उत्सव को बृज में बिहार पंचमी महोत्सव के नाम से जाना जाता है। इसी तिथि को वृंदावन में निधि वन में हरिदास महाराज की साधना से प्रसन्न होकर राधा-कृष्ण युगल स्वरूप में बांके बिहारी के विग्रह के रूप में प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन बिहार पंचमी महोत्सव मनाया जाता है।