किसान क्रांति यात्रा : किसान मुद्दे पर फिर गर्मायी यूपी की सियासत

किसान मुद्दे पर फिर गर्मायी यूपी की सियासत

लखनऊ :  किसान हित को सर्वोपरि रखने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केन्द्र और राज्य सरकार मंगलवार को एक बार फिर अन्नदाताओं के मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के निशाने पर आ गयी है।

कर्ज माफी तथा अन्य मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन को अमादा किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज पर समूचा विपक्ष लामबंद हो गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जहां इसे सरकार की निरंकुशता की पराकाष्ठा करार दिया वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध प्रदर्शन को स्वाभाविक बताते हुये पुलिस की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत देने से मना करने को अलोकतांत्रिक बताया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि गांधी जयन्ती के मौके पर जहां पूरा देश इसे अंहिसा दिवस के रूप में मना रही है वहीं अन्नदाता पर दमनात्मक कार्यवाही कर उनकी आवाज को कुचलने का काम किया जा रहा है जो ब्रितानिया हुकूमत की याद दिलाता है।

उधर, अन्नदाताओं को कानून हाथ में ना लेने का आह्वान करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दावा किया कि केन्द्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारें किसानों की समस्यायों के निराकरण के लिये वचनबद्ध है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि आजादी के बाद नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हुये हैं जिन्होंने किसानों को राजनीतिक एजेंडे में शामिल किया।

योगी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा 

किसान क्रांति यात्रा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कुछ स्वार्थी तत्व कर रहे हैं। किसानों को अपनी बात लाेकतांत्रिक तरीके से रखने का पूरा हक है और उनकी सरकार के दो मंत्री और अधिकारी उनकी मांगो का न्यायोचित समाधान निकालने के लिये प्रयासरत है। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार से मांगों के संबंध में बात कर रहा है। किसानों काे धैर्य का परिचय देते हुये उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिये मगर कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नही दी जा सकती। किसानों काे कानून का सम्मान करना चाहिये।

सुश्री मायावती ने कहा 

किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की निन्दा करते हुये कहा कि यह भाजपा सरकार की निरंकुशता की पराकाष्ठा है जिसका ख़ामियाजा भुगतने के लिये उसे तैयार रहना चाहिये। उन्होने कहा कि किसानों की आय दोगुणा करके उनके अच्छे दिन लाने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार निहत्थे किसानों पर पुलिस से लाठियाँ बरसवा रही है, उन पर आँसू गैस के गोले दगवा कर पुलिसिया जुल्म कर रही है जबकि किसान समाज के लोग गाँधी जयन्ती के दिन आज गाँधी स्थल पर जाकर केवल अपना विरोध प्रदर्शन करने वाले थे।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारों ने किसानो की समस्याओं का अगर सही समाधान किया होता तो उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को दिल्ली में पुलिस की लाठी का शिकार होकर मुसीबत और ज़िल्लत नहीं झेलनी पड़ती। इससे पहले भी मध्य प्रदेश, महाराष्टं में किसानों पर पुलिस बर्बरता और ज्यादती की घटनायें समाज के उद्देलित कर चुकी हैं।

 

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