लखनऊ: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर केंद्र और प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय’ के नाम पर करने को लेकर उन्होंने तीखी बात करते हुए कहा कि स्टेशन का नाम बदलने से ट्रेन टाइम पर आनी शुरू नहीं हो जाएंगी. इसके लिए रेलवे को अपना बिगड़ा मैनेजमेंट सही करना होगा.
By changing Mughalsarai station's name to Pandit Deendayal Upadhyay, trains won't start coming on time,they should rectify the mismanagement in railways. Changing of names won't lead to development: Om Prakash Rajbhar, UP Minister pic.twitter.com/jHRx18DzqX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 5, 2018
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि स्टेशन का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. सिर्फ नाम बदलने से विकास नहीं हो जाता. उन्हें रेलवे के कुप्रबंधन को सुधारना होगा. बता दें कि ओपी राजभर आए दिन योगी सरकार और केंद्र पर हमला बोलते रहते हैं. बलिया जिले के बेरुआरबारी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया. साथ ही उन्होंने पिछड़े वर्ग के लिए 54 फीसद आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को इसके लिए भी संसद में संशोधन पारित कराना चाहिए.
पिछड़े वर्ग के लिए 54 फीसद आरक्षण की मांग
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि जब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कुछ सांसदों के दबाव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन के लिए संसद में विधेयक प्रस्तुत कर सकती है तो उसे पिछड़े वर्ग के व्यापक हित मे पिछड़े वर्ग के आरक्षण को उसकी आबादी के अनुसार 54 फीसद करने के लिए भी संसद में प्रस्ताव पेश करना चाहिए.
पिछड़े वर्ग के सांसदों पर साधा निशाना
राजभर ने पिछड़े वर्ग के सांसदों पर भी निशाना साधा और कहा कि वे राजनेता केवल बड़े नेताओं की परिक्रमा करने में लगे हुए हैं. उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की और कहा कि संसद में संशोधन पारित होने के पूर्व ही सोशल मीडिया पर जिस तरह विरोध के स्वर मुखरित हो रहे हैं, उन्हें अनसुना नहीं किया जा सकता. जिन्होंने इस अधिनियम की आड़ में नाजायज तरीके से हुआ उत्पीड़न झेला है, वही इसका मर्म समझ सकते हैं.
शौचालय बनाने के लिए भी सरकार से अनुमति लेगी होगी क्या: राजभर
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा की सहयोगी पार्टी होने के कारण पुनर्विचार की अपील करेंगे, उन्होंने कहा कि बहुमत की सरकार है, कुछ भी करें, कौन रोक सकता है. हमारे चाहने से कुछ नहीं होगा. राजभर ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के मामले में सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बचाव करते हुए सवाल किया कि क्या अपने सरकारी आवास में शौचालय बनाने के लिये भी सरकार से अनुमति लेनी होगी. जब बगैर अनुमति के लेकर निर्माण हो रहा था तब अधिकारी कहां थे। हालांकि उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह अखिलेश का समर्थन कतई नहीं कर रहे हैं.