लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव परिवार में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. क्योंकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. वहीं अखिलेश यादव की बहू अपर्णा यादव (मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी) के भी सुर विरोधी हो गए हैं. क्योंकि अपर्णा यादव ने एनआरसी मुद्दे पर ममता बनर्जी को नसीहत दे डाली है. जो कि सपा के सबको मिलाकर चलने की नीति पर भारी पड़ सकता है.
बता दें कि बीते दिनों शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से बातचीत को लेकर कहा था कि उनकी चाचा-भतीजे के रिश्ते को लेकर कोई बातचीत नहीं होती है. वे अखिलेश यादव से सिर्फ सपा अध्यक्ष होने के नाते बातचीत करते हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि शिवपाल यादव के पुराने घाव अभी भरे नहीं हैं. समाजवादी पार्टी में सितंबर 2016 में पारिवारिक विवाद की शुरुआत हुई थी. क्योंकि उस समय पार्टी के राष्ट्रीय राष्ट्रपति मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश को अपने भाई शिवपाल के साथ राज्य इकाई प्रमुख के रूप में बदल दिया था. इसके विरोध में अखिलेश ने चाचा शिवपाल और उनके सहयोगियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया था और एक जनवरी, 2017 को आपातकालीन राष्ट्रीय बैठक बुलाई थी. बैठक में अखिलेश को उनके पिता मुलायम सिंह यादव के स्थान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. उस दौरान चाचा शिवपाल ने पार्टी से किनारा कर लिया था.
ममता को अपर्णा ने दी नसीहत
अब, अखिलेश यादव की बहू अपर्णा यादव (मुलायम के छोटे बेटे प्रतेक यादव की पत्नी) ने असम के NRC पर पार्टी के आधिकारिक स्टैंड के खिलाफ एक बयान दिया है. अपर्णा ने कहा कि ‘कानून रह रहे शरणार्थियों से किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है. समस्या वहां पैदा होती है जो नियमों के विपरीत ढंग से देश में दाखिल हुए हैं. उन्हें लगता है कि ममताजी को उन घुसपैठियों का समर्थन नहीं करना चाहिए जो गैर कानूनी ढंग से यहां रह रहे हैं. उन्हें इस पर विचार करना चाहिए, यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है.
बयान भारी न पड़ जाए
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महागठबंधन के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं. इस दौरान महागठबंधन में सहयोगी मानी जाने वालीं ममता बनर्जी को एनआरसी नेशनल रजिस्टर सिटिजन (एनआरसी) के मुद्दे पर अखिलेश के परिवार से ही नसीहतें दी जाने लगी हैं. ऐसे में बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भारी पड़ सकता है.