अहमदाबाद । भारतीय सेना के बेड़े में आज स्वदेश में निर्मित एक और युद्धक टैंक शामिल हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूरत में बना यह बहुउद्देशीय के-9 वज्र टैंक सेना को सौंपा। यह दुनिया की सबसे आधुनिक तोप है, जो पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के खतरे से निपटने में सक्षम है। के-9 वज्र टैंक काफी एडवांस है। इसे ”टैंक सेल्फ प्रोपेल्ड होवरक्राफ्ट गन” कहते हैं। इसमें कई ऐसी खासियतें हैं, जिनके चलते यह बोफोर्स टैंक को भी पीछे छोड़ सकती हैं। बोफोर्स टैंक जहां एक्शन में आने से पहले पीछे जाती है वहीं के-9 वज्र टैंक स्व-संचालित है।
इस वज्र टैंक को महत्वाकांक्षी योजना ”मेक इन इंडिया” के तहत सूरत एलएंडटी प्लांट में विकसित किया गया है। इस टैंक के निर्माण के लिए हजीरा में खास फैक्टरी बनाई गई। हजीरा स्थित एलएंडटी प्लांट एक निजी कंपनी है लेकिन मेक इन इंडिया के तहत 2018 में इसे ही यह बड़ा ऑर्डर दिया गया था।
Checking out the tanks at L&T’s Armoured Systems Complex in Hazira. pic.twitter.com/zf7wRrbX7Y
— Narendra Modi (@narendramodi) January 19, 2019
इस ऑर्डर के तहत 100 टैंक तैयार किए जाने हैं। ऐसे में यह किसी निजी क्षेत्र को दिया गया अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर कहा जा सकता है। के-9 वज्र के निर्माण के लिए 2018 में एलएंडटी ने साउथ कोरिया की कंपनी हानव्हा टेकविन के साथ करार की घोषणा की थी। यह सूरत शहर के लिए भी गर्व की बात है कि सरहद की रक्षा करने वाला आधुनिक युद्धक टैंक यहां विकसित हो रहा है।
टैंक के-9 वज्र की विशेषताएं – इन तोपों के भारतीय तोपखाने में शामिल होने से सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। – इसकी 60 किमी प्रतिघंटा से अधिक गति की क्षमता है। – यह स्व संचालित मिसाइल हैं, जिनका इस्तेमाल युद्ध क्षेत्र में विभिन्न बिंदुओं से किया जा सकता है।
– एलएंडटी के अनुसार के-9 वज्र अपनी लंबी फायरिंग रेंज के साथ गहरा फॉयर सपोर्ट भी प्रदान करेंगी। – के-9 वज्र में कैनल बेस्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसकी कैपिसिटी 40 से 52 किलोमीटर तक है। – इसकी ऑपरेशनल रेंज 480 किमी है। – इसमें ऐसी कई खासियतें हैं, जिससे यह बोफोर्स टैंक को भी पीछे छोड़ सकते हैं।