सीतापुर : ‘बेरंग’ हुई मनरेगा मजदूरों की ‘होली’

रामकोट-सीतापुर। रंगों का त्यौहार होली इस बार मनरेगा मजदूरों के लिए ‘बेरंग’ होता नजर आ रही है। जहां लोग नए-नए पकवान बनाकर तथा नए-नए कपड़े पहनकर होली मनाएंगे वहीं मजदूरी न मिलने से जिले के हजारों मनरेगा मजदूर मायूस होकर होली मनाएंगे। जिले के हजारों मजदूरों का 828.51 लाख रूप्या की धनराशि बकाया है। दिन-रात कमरतोड़ मेहनत करने के बावजूद भी इनकी मजदूरी का समय से भुगतान न हो पाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद के 18 विकास खंडों में मनरेगा मजदूरों का बकाया है।

जिले के मनरेगा मजदूरों की बकाया है 828.51 की धनराशि

जिसके क्रम में एलिया में 21.91 लाख, बेहटा 40.46 लाख, बिसवां 47.33 लाख, गोंदलामऊ 23.47 लाख, हरगांव 52.52 लाख, कसमंडा 28.84 लाख, खैराबाद 35.59 लाख, लहरपुर 31.04 लाख, मछरेहटा 46.38 लाख, महमूदाबाद 35.22 लाख, महोली 28.93 लाख, मिश्रिख 52.49 लाख, पहला 105.62 लाख, परसेंडी 60.38 लाख, पिसावां 41.09 लाख, रामपुर मथुरा 29.92 लाख, रेउसा 76.22 लाख, सकरन 37.94 लाख और विकासखंड सिधौली में 13.46 लाख है। उक्त आंकड़ों के अनुसार जिले भर के मनरेगा मजदूरों का बकाया कुल 828.51 लाख है। ऐसे में जहां एक और लोग होली में पकवानों का लुत्फ उठा रहे होंगे तो वहीं मनरेगा मजदूरों के परिवार अपना ही पारिश्रमिक समय पर न मिलने के कारण अभाव की स्थिति का सामना करने को मजबूर होंगे।

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