ठाकरे ने ली विधानपरिषद सदस्य पद की शपथ, मुख्यमंत्री की कुर्सी बची

मुंबई । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित 9 नवनिर्वाचित सदस्यों ने सोमवार को विधान परिषद के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानभवन में आयोजित सादे समारोह में विधान परिषद के सभापति रामराजे निंबालकर ने शपथ दिलाई। इसके अलावा शिवसेना की ओर से नीलम गोरहे, भारतीय जनता पार्टी के गोपीचंद कुंडलिक पडलकर, प्रवीण प्रभाकरराव दटके, रणजित सिंह, विजयसिंह मोहिते-पाटील, रमेश काशीराम कराड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शशिकांत जयवंतराव शिंदे, अमोल रामकृष्ण मिटकरी, कांग्रेस पार्टी की ओर से राजेश धोंडीराम राठोड ने भी विधानपरिषद के सदस्य पद की शपथ ग्रहण की।

महाराष्ट्र विधानपरिषद की 9 रिक्त सीटों के लिए 21 मई को चुनाव तय किया गया है। इस चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 मई तय की गई थी। 11 मई तक इस चुनाव के लिए 14 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था लेकिन 12 मई को छानबीन के दौरान एक उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया और 3 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इस तरह विधानपरिषद की 9 रिक्त सीटों के लिए 9 उम्मीदवार ही मैदान में थे। इसलिए गुरुवार को विधानभवन के मुख्य चुनाव निर्णय अधिकारी राजेंद्र भागवत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित 9 लोगों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया।

मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे ने 27 नवम्बर, 2019 को शिवाजी पार्क मैदान में शपथ ली थी। उद्धव ठाकरे विधानसभा व विधान परिषद में से किसी भी सभागृह के सदस्य नहीं थे। इसलिए उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 6 माह के अंदर अर्थात 27 मई से पहले किसी भी एक सभागृह का सदस्य होना अनिवार्य था। इसी वजह से उद्धव ठाकरे ने सोमवार को विधानपरिषद के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करके अपनी कुर्सी बचा ली। इसलिए अब उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मंडराने वाला संवैधानिक संकट टल गया है।

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