उद्धव ठाकरे का कंगना पर इशारों में निशाना, कहा-मैं शांत हूं तो उसे मेरी कमजोरी न समझा जाए…

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत से चल रहे विवाद के बीच आज जनता से रूबरू हुए। हालांकि इस दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत, पूर्व नौसेना अधिकारी पर हमला और मीडिया  के पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर चुप्पी नहीं तोड़ी। सीएम उद्धव ठाकरे ने कंगना का नाम लिए बिना ही उन पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मैं चुप जरूर हूं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मेरे पास जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।’ 

बता दें कि सीएम ठाकरे का पूरा संबोधन कोरोना पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि ‘राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है। लोगों ने गणेश महोत्सव के दौरान कोरोना के लिए लगाए गए नियमों का पालन किया। इसके लिए लोगों को धन्यवाद।

सीएम ठाकरे ने उम्मीद जताई कि ‘कोरोना की वैक्सीन दिसंबर से जनवरी तक आ जाएगी। लोगों से आग्रह किया कि घरों से अनावश्यक बाहर न निकले। बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाए और समाजिक दूरी का पालन करें। ठाकरे ने कहा कि कोरोना की वजह से बंद पड़ी जिंदगी की गाड़ी को ट्रैक पर लाने की पूरी तैयारी की जा रही है। 

महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि मैं राज्य की राजनीति पर बात नहीं करूंगा। लेकिन ये मतलब नहीं है कि मेरे पास जवाब नहीं है। मैं शांत हूं तो उसे मेरी कमजोरी न समझा जाए। महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रही है। मुंबई में तूफान भी आकर चला गया। उस स्थिति में भी सरकार ने अच्छा काम किया।

‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह राज्य में एक नई मुहिम की शुरुआत कर रहे हैं। इस मुहिम का नाम है मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का हर एक निवासी अपनी जाति धर्म और क्षेत्र को भूलकर एक हों और इस मुहिम में शामिल हों। उन्होंने कहा, ‘मुझपर आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। मैं तो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हर जगह पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं।’ उन्होंने अपने संबोधन में मराठों को लुभाने की भी कोशिश की। 

पूर्व नौसेना अधिकारी के साथ हुई घटना पर शांत

पूर्व नौसेना अधिकारी पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले पर उन्होंने जवाब नहीं दिया। बता दें कि पूर्व नौसेना अधिकारी ने कहा था उनके साथ जो घटना हुई है उससे वह आहत है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना कार्यकर्ताओं को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए। यदि उनसे राज्य की कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें।

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