#WATCH Randeep Surjewala, Congress: Party President Rahul Gandhi offered his resignation but it was rejected by the members of CWC unanimously. pic.twitter.com/0DmHV6queZ
— ANI (@ANI) May 25, 2019
कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में बैठक हुई। बैठक में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री और देश भर से शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। कांग्रेस को इन चुनावों में 542 में से महज 52 सीटें ही मिली हैं, जो पिछली बार से महज 8 अधिक हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसकी प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की। मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति व एक स्वर से इसे खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का आह्वान किया कि प्रतिकूल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व व मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ों, गरीबों, शोषितों व वंचितों की समस्याओं के लिए आगे बढ़कर जूझने का आग्रह किया।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनावों के बाद यह पार्टी की पहली बैठक थी, जिसमें आमतौर पर विस्तृत चर्चा नहीं होती है। समिति ने इस बैठक में जनता और कार्यकर्ताओं से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जीत एवं हार अलग विषय है लेकिन राहुल गांधी ने पार्टी को एक नेतृत्व प्रदान किया है। यह पार्टी के अंदर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के अंदर और देश की परिस्थितियों की विस्तृत समझ है, जिसे देखते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया। कार्यसमिति की बैठक में स्पष्ट कहा गया है कि देश में अगर कोई विपक्ष के नेता की राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभा सकता है तो वह राहुल गांधी हैं। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें चुनाव आयोग का रवैया भी शामिल था।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि इस बैठक में सीमित समय में संक्षिप्त चर्चा हुई है। आगे हार के कारणों पर व्यापक चर्चा होगी और आवश्यकतानुसार बदलाव किए जायेंगे। एंटनी 2014 में भी कांग्रेस की हार के कारणों की समीक्षा करने वाली समिति के अध्यक्ष थे, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी थी। उन्होंने आज प्रेसवार्ता में कहा कि उस समय सौंपी गई रिपोर्टों में से कई विषय लागू किए गए थे।
कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी एक जिम्मेदार व सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और देशवासियों की समस्याओं को सामने रख उनके प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी।
इसके अलावा कार्यसमिति ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि पार्टी के हर स्तर पर संपूर्ण आत्मचिंतन के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन एवं विस्तृत पुन: संरचना करें। इसके लिए योजना जल्द से जल्द लागू की जाए।
प्रस्ताव के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है लेकिन पार्टी में सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत है। कांग्रेस पार्टी नफरत और विभाजन की ताकतों से लोहा लेने के लिए सदैव कटिबद्ध है। प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि कांग्रेस कार्यसमिति ने देश के समक्ष मौजूदा समय में अनेक चुनौतियों का संज्ञान लिया, जिनका हल नई सरकार को ढूंढना है। ईरान पर प्रतिबंध लगने के बाद तेल की बढ़ती कीमतें एवं बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या है। बैंकिंग प्रणाली गंभीर स्थिति में है और एनपीए पिछले पाँच सालों में अनियंत्रित तरीके से बढ़कर 12 लाख करोड़ रु. तक पहुंच गए हैं, जिससे बैंकों की स्थिरता खतरे में है।