बसपा अध्यक्ष मायावती और अखिलेश यादव ने बजट को बताया जनता के साथ छलावा

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के चौथे बजट पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जहां बजट को जनता के साथ छलावा बताया है, वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को बिना विजन वाला बताया है।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार का आज विधानसभा में पेश बजट जनता की आशाओं व आकांक्षाओं के साथ छलावा है। इस बजट से प्रदेश का विकास व प्रदेश की 22 करोड़ जनता का हित तथा कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यही बुरा हाल इनके पिछले तीन बजट का भी रहा है। मायावती ने कहा कि इनके बजट ही जनहित तथा जनकल्याण के मामले में भारतीय जनता पार्टी की कमजोर इच्छाशक्ति का परिणाम हैं। मायावती ने कहा कि यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे तथा वादे किए गए हैं वह सभी पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरह ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की भाजपा की सरकार ऐसे दावे व वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं ।

न कोई विजन न ही रोड मैप : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के चौथे बजट को बिना किसी विजन तथा रोड मैप वाला बताया है। सपा कार्यालय में पांच लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगली बार इससे भी बड़ा बजट होगा और वो हर बजट को ऐतिहासिक करार देते हैं। सरकार के दावों पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक चार बजट पेश किए हैं जिसमें किसानों, नौजवानों व महिलाओं को निराशा मिली है। यह सरकार का आखिरी बजट है क्योंकि अगला बजट तो चुनावी बजट होगा। उन्होंने कहा कि इस बजट से साबित हो गया है कि सरकार के पास न तो कोई विजन है। न कोई रोडमैप है सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।

अखिलेश यादव ने सरकार के निवेश के दावों पर कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि अभी तक कितना निवेश जमीन पर उतरा क्योंकि जब भी निवेश आता है तो सरकार की तरफ से की गई इंसेंटिव (सहूलियतों) का भी जिक्र होता है। सरकार ने कोई इंसेंटिव नहीं दिया। इसका तो सीधा सा मतलब यही है कि अभी तक कोई निवेश नहीं हुआ है। योगी आदित्यनाथ सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनवाने का दावा करती है। इसकी शुरुआत तो समाजवादी सरकार ने की थी। इस सरकार ने सिर्फ इस एक्सप्रेस वे का नाम बदला और जबरदस्ती कास्ट कटिंग की। इसके बाद ये वैसा नहीं बन पाएगा जैसा इसका प्रस्ताव समाजवादी सरकार ने तैयार किया था।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें