समुद्र के भीतर बने एक लॉज में 74 दिन रहने का बनाया रिकार्ड, अमेरिकी प्रोफेसर ने कर दिखाया ये बड़ा कारनामा

फ्लोरिडा (ईएमएस)। यूएस प्रोफेसर जोसफ दितुरी ने सबसे लंबे वक्त तक पानी के अंदर रहने के नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रोफेसर जूल्स के समुद्र के भीतर बने एक लॉज में पिछले 74 दिनों से रह रहे हैं। एक अनोखे जीववैज्ञानिक अध्ययन के लिए पानी के नीचे रह रहे जोसफ ने अब इसे 100 दिन तक ले जाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि इससे पहले पानी के अंदर सबसे ज्यादा दिन रहने का रिकॉर्ड 2014 में दो अन्य प्रोफसर ने बनाया था, जो 73 दिन का था। डॉ. दितुरी ने 1 मार्च को जूल्स अंडरसी लॉज में सतह से 30 फीट नीचे एक 100 वर्गफुट के कमरे प्रवेश किया था और 9 जून को ‘प्रोजेक्ट नेपच्यून 100’ के हिस्से के रूप में फिर से सतह पर आने की योजना बनाई है। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, दितुरी ने लिखा है कि, ‘आज का दिन रिकॉर्ड टूटने का दिन है, 73 दिन पानी के अंदर रहते हो गए हैं, मैं खुश हूं कि मेरी जिज्ञासा मुझे यहां तक लेकर आई है। मेरा मकसद हमेशा प्रेरित करना रहा है, ना सिर्फ आने वाली पीढ़ी को बल्कि उन वैज्ञानिकों को भी जो इस बात की शोध में लगे हुए हैं कि पानी के अंदर मानव शरीर विपरीत परिस्थितों में किस तरह काम करता है।

विश्व रिकॉर्ड का टूटना एक रोमांचक बात है जो एक मील का पत्थर साबित हुई है लेकिन मेरा सफर यहीं रुकेगा नहीं बल्कि हर उम्र के वो लोग जो कुछ सीखना चाहते हैं उनके लिए और मेरी खुद की खोज के लिए यह सफर आगे 23 दिन तक और जारी रहेगा।’ अपने 74वें दिन इन्होंनें प्रोटीन से भरपूर अंडे और सालमन मछली से तैयार खाना खाया, जिसे माइक्रोवेव का इस्तेमाल करके बनाया गया था, अपने हाथ में बंधे रेजिस्टेंस बैंड के साथ कसरत की, जिसमें रोज के पुश अप शामिल थे। उसके बाद इन्होंनें एक घंटे की नींद ली। ‘डॉ डीपसी’ के नाम से मशहूर दितुरी इस बात का परीक्षण कर रहे हैं कि पानी के अंदर अत्यधिक दबाव में मानव शरीर पर लंबी अवधि के लिए क्या असर पड़ता है और शरीर इसे किस तरह संभालता है।साउथ फ्लोरिडा की यूनिवर्सिटी की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पिछले 74 दिनों से वह की लार्गो में जूल्स अंडरसी लॉज में सतह से 30 फीट नीचे एक 100 वर्गफुट के कमरे में रह रहे हैं। 1 मार्च को डॉ. दितुरी ने अपने इस अनोखे सफर की शुरुआत की थी और इंस्‍टाग्राम पर अपनी योजना से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया था।

वहीं चिकित्सक लगातार उनके शारीरिक बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं। उनके पानी में रहने के दौरान लगातार उनके यूरिन और रक्त के सैंपल जांच के लिए सतह पर भेजे जाते रहे हैं। यही नहीं एक मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक भी उनके अकेले रहने के कारण उनके मानसिक हालात को नोट कर रहे हैं। यह ठीक वैसा ही जैसे अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एक अवधि के लिए इंसान रहता है। डॉ दितुरी का कहना है कि, मानव शरीर कभी भी इतने वक्त के लिए पानी के अंदर नहीं रहा है, इसलिए मेरी बहुत बारीकी से जांच होगी।

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