नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के घेरे में है और नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लगातार तीसरे दिन भी करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और इसका मालिकाना हक रखने वाली कंपनी यंग इंडियन (वाईआई) से जुड़े निर्णयों में उनकी निजी भूमिका के बारे में सवाल-जवाब किए। पूछताछ के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईडी को बताया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति के यंग इंडियन के अधिग्रहण से संबंधित सभी लेनदेन कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ही देखते थे। ईडी के सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने यंग इंडियन द्वारा लिए गए किसी लोन आदि के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा पर डाली है। मोतीलाल वोरा अब जीवित नहीं है। राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की यंग इंडियन में 76 फीसदी हिस्सेदारी है और शेष 24 फीसदी वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (प्रत्येक 12 फीसदी) के पास है। वोरा और फर्नांडीस का क्रमशः दिसंबर 2020 और सितंबर 2021 में निधन हो गया।
इस पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किए जाने पर, कांग्रेस सचिव प्रणव झा ने कहा कि ईडी की कार्यवाही न्यायिक प्रक्रिया के तहत है और उसे लीक करना अपराध है। इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। बुधवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ के बाद ईडी अब तक राहुल गांधी से कई सत्रों में करीब 30 घंटे पूछताछ कर चुकी है। वहीं, ईडी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को शुक्रवार को चौथी बार पूछताछ के लिए तलब किया है। पूरा मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है। साल 1938 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी स्थापना की। अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज। 1956 में एजेएल को गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच साल 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई।
जिसका 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था। कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।