मकर संक्रांति पर दान का होता है विशेष महत्व – डॉ सत्यानंद सरस्वती

भास्कर समाचार सेवा

  • मकर संक्रांति एवं भीषण ठंड को देखते हुए गरीब असहायों को किया कंबलों का वितरण

वृंदावन । मकर संक्रांति के पावन अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान एवं दान आदि का विशेष महत्व माना जाता है। इसी क्रम में श्री धाम वृंदावन के केसी घाट स्थित चरणाश्रम पर डॉ सत्यानंद सरस्वती महाराज अधिकारी गुरु के द्वारा गरीब एवं असहाय लोगों के लिए कंबल वितरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आज देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष में जब सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर धार्मिक अनुष्ठान एवं दान का विशेष महत्व होता है।

सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर एक महीने में राशि बदलते हैं, यानी सूर्य एक वर्ष में 12 राशियों का भ्रमण करते हैं। सूर्य जब धनु राशि की यात्रा को पूरा करके मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते है। मकर संक्रांति से सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं, जिसे देवताओं का दिन कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान और दान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप से मुक्त हो जाते हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। मकर संक्रांति के दिन गुड़-तिल और खिचड़ी दान करने एवं खाने की भी परंपरा है।
इसी के साथ ही 22 जनवरी को हम सबके आराध्य भगवान श्री राम अपने नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। इस पावन अवसर पर सभी सनातनी दीपावली का अनुभव कर रहे हैं। इसी खुशी में आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुरली अग्रवाल, अनिरुद्ध गुप्ता, अंकित गुप्ता, पुनीत गुप्ता, संजय अग्रवाल, दीना पंडित, मदान गोपाल महाराज, मोहन आचार्य, सौम्य रंजन, हरी शर्मा, सुजन, वरुण आदि उपस्थित रहे।

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