बीटिंग स्ट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री, किया राष्ट्रपति का स्वागत

राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सबसे पहले पहुंचे।

बीटिंग रिट्रीट के साथ आज 73वें गणतंत्र दिवस का समापन समारोह शुरू हो चुका है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस समारोह को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। दिल्ली के विजय चौक पर चल रहे बीटिंग रिट्रीट में इस साल ड्रोन शो खास आकर्षण होगा। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं।

46 घुड़सवारों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला सेरेमनी के लिए पहुंचा।

बीटिंग द रिट्रीट के खास आकर्षण
बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई। इनमें ‘केरल’, ‘हिन्द की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन को मुख्य तौर पर शामिल रहे। इसके बाद मास बैंड वीर सैनिक गीत और पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड 6 धुन बजाएंगे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बैंड तीन धुन बजाएंगे। इसके बाद एयरफोर्स का बैंड 4 धुन प्ले करेगा। इसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल एस रूपाचंद्रन की तरफ से खास लड़ाकू धुन भी शामिल होगी।

इसके बाद नेवी का बैंड 4 धुनें बजाएगा। फिर आर्मी मिलिट्री बैंड- केरल, सिकी-ए-मोल और हिंद की सेना नाम से 3 धुनें बजाएगा। मास बैंड 3 और धुनें कदम-कदम बढ़ाए जा, ड्रमर्स कॉल और ऐ मेरे वतन के लोगों की प्रस्तुति देगा। समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा। पूरे समारोह में 44 ब्यूगलर्स (बिगुल बजाने वाले), 16 ट्रंपेट प्लेयर्स और 75 ड्रमर्स शामिल होंगे।

समारोह की शुरुआत बिगुल पर फैनफेयर गीत के साथ हुई।

इस बार बीटिंग रिट्रीट में एक ड्रोन शो भी देखने को मिलेगा। बता दें कि समारोह में लगभग एक हजार ड्रोन को शामिल किया गया है। इन सभी ड्रोन को ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ ने आईआईटी दिल्ली और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किया है। इस पूरे समारोह को मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इसे डिजाइन, निर्माण व कोरियोग्राफ किया गया है।

‘अबाइड विद मी’ धुन समारोह में शामिल नहीं
महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन की धुन ‘अबाइड विद मी’ इस बार बीटिंग रिट्रीट में सुनाई नहीं देगी। बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें ‘अबाइड विद मी’ शामिल नहीं है। इसे महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के आखिर में बजाया जाता था।

1950 से लगातार इस धुन को बीटिंग रिट्रीट में बजाया जाता रहा है, लेकिन 2020 में पहली बार इसे समारोह से हटा दिया गया। इस पर काफी विवाद होने के बाद साल 2021 में इसे फिर से समारोह में शामिल कर लिया गया। यह दूसरी बार है जब इस धुन को बीटिंग रिट्रीट से हटाया गया है। भारतीय सेना की ओर से शनिवार को पूरे प्रोग्राम का ब्रोशर जारी किया गया। इसमें इस धुन का जिक्र नहीं है।

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