
जयपुर : राजस्थान में सियासी घमासान (Rajasthan Political Crisis) थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह से कांग्रेस के दिग्गज नेता और डिप्युटी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने विरोधी सुर अख्तियार किया है, उससे अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) संकट में फंसती नजर आ रही है। सचिन पायलट ने सीएम गहलोत के रवैये पर नाराजगी जताते हुए, बगावत कर दी है। उन्होंने अपने साथ 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस बीच उनके बीजेपी से भी संपर्क में होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दूसरी ओर कहा ये भी जा रहा कि सचिन पायलट तीसरा मोर्चा (Sachin Pilot Form Third Front) भी बना सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पायलट की नई पार्टी का नाम प्रगतिशील मोर्चा या प्रगतिशील कांग्रेस हो सकता है।
सचिन पायलट बनाएंगे थर्ड फ्रंट!
सचिन पायलट के तीसरा मोर्चा बनाने के पीछे कई अहम वजहें सामने आ रही हैं। सबसे बड़ा कारण यही बताया जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में पायलट के समर्थन में इतने विधायक नहीं हैं जिससे अशोक गहलोत की सरकार गिर सके। अशोक गहलोत भी लगातार विधायकों और पार्टी नेताओं से संपर्क और बैठक कर रहे हैं। उन्होंने विप भी जारी किया है जिसमें पार्टी के सभी विधायकों और मंत्रियों को शामिल होना होगा। जो भी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। ऐसी किसी भी स्थिति को देखते हुए पायलट थर्ड फ्रंट के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
30 विधायकों के साथ का किया है दावा
दरअसल, सचिन पायलट ने कांग्रेस के 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, अगर उन्हें इन विधायकों का साथ मिलता है और वो थर्ड फ्रंट बनाते हैं तो इससे गहलोत खेमे को नुकसान हो सकता है। हालांकि, तीसरा मोर्चा बनाने के लिए पहले उन्हें कांग्रेस पार्टी के एक तिहाई विधायकों को अपने साथ मिलाना होगा। मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर कम से कम 35 से 40 विधायकों का समर्थन पायलट को जुटाना होगा, जो काफी चुनौती भरा माना जा रहा है।
प्रगतिशील मोर्चा या प्रगतिशील कांग्रेस हो सकता है नाम
इस बीच खबर आ रही है कि सचिन पायलट अपनी नई पार्टी का नाम प्रगतिशील मोर्चा या प्रगतिशील कांग्रेस रख सकते हैं। वहीं सचिन पायलट अगर थर्ट फ्रंट बनाने में सफल रहते हैं तो ऐसी स्थिति में वो बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश भी कर सकते हैं। लेकिन, क्या बीजेपी उनको मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करेगी, यह अहम सवाल होगा। फिलहाल इस पर अभी अटकलें ही लगाई जा रही हैं। हालांकि, इस बात की सूचना जरूर है कि सचिन पायलट लगातार बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं।
राजस्थान में पहले भी हुई है थर्ड फ्रंट की कवायद
राजस्थान में ये कोई पहली बार नहीं है जब तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू हुई है। कांग्रेस और बीजेपी के प्रभुत्व के कारण यहां तीसरा मोर्चे की कोशिशें जरूर हुई हैं लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान नागौर के खींवसर से निर्दलीय हनुमान बेनीवाल ने राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) के नेता किरोड़ी लाल मीणा के साथ मिलकर राज्य में तीसरे मोर्चा खड़ा करने के काफी प्रयास किये थे लेकिन मीणा के राष्ट्रीय जनता पार्टी छोड़कर बीजेपी में आ जाने से तीसरे मोर्चे को लेकर किए गए प्रयास कमजोर पड़ गए थे। हालांकि, उस समय चुनाव के मद्देनजर बेनीवाल के साथ बीजेपी छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी बनाने वाले घनश्याम तिवाड़ी जरुर साथ में खड़े रहे थे। लेकिन दूसरे दलों का साथ नहीं मिल पाने से तीसरे मोर्चे का सपना अधूरा ही रह गया था।