रघुवंश प्रसाद के RJD से इस्‍तीफे पर लालू यादव का खत, ‘आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए..’

पटना
RJD के संस्थापक सदस्य रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे के बाद सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने अस्पताल से ही उन्हीं के अंदाज में एक पत्र लिखा है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पत्र में लिखा है, ‘प्रिय रघुवंश बाबू आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है, मुझे तो विश्वास ही नहीं होता।’

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि अभी मेरा परिवार और पूरा राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार किया है। आप जल्दी स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समझ लीजिए।’

दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक सदस्य रहे रघुवंश प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एम्स में इलाज करा रहे रघुवंश प्रसाद ने एक कागज पर महज डेढ़ लाइन में लिखकर अपना इस्तीफा रांची में सजा काट रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भेज दिया। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रघुवंश प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी से अलग होना बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

एक दिन पहले ही ICU में शिफ्ट किए गए
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। हालत नाजुक होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। यहां डॉक्टरों ने रघुवंश प्रसाद को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया है। एम्स की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल रघुवंश प्रसाद के तमाम चेकअप किए जा रहे हैं। हालांकि अभी हालत स्थिर बताई जा रही है।

कोरोना से संक्रमित हुए थे रघुवंश प्रसाद
74 वर्षीय आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। पटना एम्स में ईलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर घर लौट आए थे, लेकिन उनका शरीर काफी कमजोर हो चुका है। कोरोना से उबरने के बाद भी रघुवंश प्रसाद पूरी तरीके से स्वस्थ्य नहीं हो पा रहे हैं।

रघुवंश ने यह लिखा इस्तीफा पत्र में
रघुवंश प्रसाद (74) अभी दिल्ली एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं। वे अपने फेफड़े की बीमारी का इलाज करा रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के बेड से ही राजद प्रमुख लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, ‘‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 साल तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें।’’

रामा सिंह को राजद में शामिल कराने की कोशिश से नाराज थे रघुवंश
तेजस्वी अपने विधानसभा सीट राघोपुर से जीत पक्की करने के लिए वैशाली के बाहुबली नेता रामा सिंह को राजद में शामिल कराना चाहते थे। रामा सिंह मीडिया के सामने इसकी पुष्टि कर चुके थे। इसके बाद रघुवंश प्रसाद ने 23 जून को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन लालू ने इसे मंजूर नहीं किया था।

लालू ने रघुवंश को मनाने के लिए तेजस्वी को दिल्ली भेजा था, लेकिन वे नहीं माने। रघुवंश और रामा वैशाली जिले से आते हैं। दोनों के बीच राजनीतिक टकराव रहा है। लोकसभा चुनाव में रघुवंश को रामा सिंह के हाथों हार का सामना भी करना पड़ा था।

फंस सकती है तेजस्वी की सीट
रघुवंश राजद के बड़े नेता माने जाते हैं। उनके पार्टी छोड़ने का असर विधानसभा चुनाव में दिख सकता है। रघुवंश का असर तेजस्वी यादव के विधानसभा सीट राघोपुर में भी है। उनके पार्टी छोड़ने से तेजस्वी की सीट फंस सकती है। दूसरी ओर रामा सिंह के लिए अब राजद में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। रामा सिंह विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

रघुवंश प्रसाद 1977 में पहली बार विधायक बने थे, 5 बार सांसद चुने गए 1973-1977: संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े 1977: संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट से बेलसंड विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने 1977-1979: बिहार सरकार में बिजली राज्य मंत्री बने 1980-1985: लोक दल के सीतामढ़ी के प्रेसिडेंट बने 1985-1989: लोक दल के पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य बने 1990-1994: एमएलसी और बिहार विधान परिषद के डिप्टी स्पीकर बने 1995-1996: बिहार सरकार में ऊर्जा और आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बने 1996: वैशाली सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता, केंद्रीय पशुपालन राज्यमंत्री बने 1997-1998: खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के केंद्रीय मंत्री बने 1998: वैशाली सीट से सांसद चुने गए 1999: वैशाली सीट से सांसद चुने गए 1999-2000: लोकसभा में राजद के नेता रहे 1999-2004: सांसद रहे 2004: चौथी बार वैशाली से लोकसभा का चुनाव जीते, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने 2009: पांचवी बार लोकसभा का चुनाव जीते

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