विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे आप के सीएम फेस भगवंत मान

पंजाब आम आदमी पार्टी के सीएम फेस भगवंत मान संगरूर जिले की धूरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। पंजाब आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने इसका आधिकारिक रुप से एलान कर दिया है। धूरी पंजाब की मालवा बेल्ट का हिस्सा है और सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें इसी बेल्ट में हैं।

धूरी विधानसभा सीट पंजाब के संगरूर जिले की 5 विधानसभा सीटों में से एक है। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस के दलवीर सिंह गोल्डी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी  के जसवीर सिंह जस्सी सेखों को 2811 मतों से परास्त किया था। दलवीर सिंह गोल्डी को 49347 व निकटतम प्रतिद्वंदी आप के जसवीर सिंह जस्सी सेखों को 46536 मत प्राप्त हुए थे। इस बार इस चुनाव क्षेत्र से भगवंत मान खुद उम्मीदवार होंगे।

गत दिवस भगवंत मान सीएम फेस का एलान होने के बाद अपने गांव सतौज भी पहुंचे। ग्रामीणों ने भगवंत मान सहित उनकी मां हरपाल कौर का भव्य स्वागत किया। भगवंत मान इस दौरान भावुक नजर आए। भगवंत मान ने कहा कि वह जल्द से गांव आने के लिए बेहद उत्सुक थे, क्योंकि वह पहले उस जगह पर आना चाहते थे, जिसकी मिट्टी में वह पैदा हुए हैं।

पिछले कई दिनों से भगवंत मान के धूरी से चुनाव लड़ाने की चर्चाएं थी। जिला संगरूर व मालेरकोटला की 7 में से 5 सीटें आम आदमी पार्टी घोषित कर चुकी थी, जबकि धूरी व लहरागागा सीट पर फैसला होना बाकी था, जिस पर वीरवार को पार्टी ने अपना फैसला स्पष्ट कर दिया है। हलका धूरी से भगवंत मान का मुकाबला कांग्रेस के युवा विधायक दलवीर गोल्डी, अकाली दल के उम्मीदवार पूर्व संसदीय सचिव बाबू प्रकाश चंद गर्ग से होगा।

हलका धूरी से चुनाव लड़कर भगवंत मान जिला संगरूर व मालेरकोटला की सात विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालेंगे। गौर हो कि हलका धूरी से आम आदमी पार्टी की तरफ से आप के सीनियर नेता स्व. संदीप सिंगला के पिता अशोक कुमार लक्खा, 2017 के विधानसभा चुनाव लड़ चुके जसवीर सिंह जस्सी, सतिंदर सिंह चट्ठा लगातार टिकट की दौड़ में शामिल थे।

कामेडियन रहे भगवंत मान ने मनप्रीत बादल की पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। भगवंत मान ने 2012 में पीपीपी उम्मीदवार के तौर पर हलका लहरा से पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के खिलाफ पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन वह इस मुकाबले में पराजित रहे। फिर मनप्रीत बादल से अलग होकर उन्होंने अपना अलग रास्ता चुना व 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। 2014 में पहली बार सांसद बने व 2019 में फिर से जीत दर्ज कर लगातार दो बार जीतने का संगरूर में रिकार्ड कायम किया। दो दिन पूर्व उन्हें आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा ऐलान कर दिया है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें